पुराने लेख
भारत आर्द्रभूमि परितंत्रों की व्यापक विविधता से संपन्न है, जो कार्बन तथा जलविज्ञान संबंधी चक्रों को नियंत्रित करने, जलवायु परिवर्तन एवं भूमि अपक्षयन, जल संबंधी आपदाओं, पोषक तत्व चक्रण, स्थानीय अर्थव्यवस्था आदि को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जनसंख्या विस्फोट दवाब एवं विकासोन्मुखी गतिविधियों के कारण भारत सहित संपूर्ण विश्व में आर्द्रभूमि के संरक्षण एवं प्रबंधन हेतु चिंता बढ़ती जा रही है। इसलिए अंतरिक्ष उपयोग केंद्र ने अपने सरिता (उपग्रह आधारित नदी जल वैज्ञानिक तकनीक एवं अनुप्रयोग) कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय आर्द्रभूमि इंवेटरी एवं आकलन-द्वितीय चक्र तैयार किया है, यह कार्यक्रम अंतरिक्ष विभाग से वित्तपोषित है। इस राष्ट्रीय आर्द्र-भूमि भू-डेटाबेस का विकास बहु-डेटा रिसोर्ससैट-2/2ए, लिस-III डेटासेटों के प्रयोग से और अनेक साझीदार संस्थानों के सहयोग से किया गया है। 1:50000 के पैमाने पर आर्द्र-भूमि के राष्ट्र-व्यापी मानचित्रण आर्द्रभूमि, इसके प्रकार, विस्तार, आकार, अवस्थिति, वितरण और दशकीय परिवर्तनों की मौजूदा स्थिति उपलब्ध कराता है। भू-स्थानिक विश्लेषण सहित आर्द्रभूमि इंवेटरी सांख्यिकी को “भारतीय आर्द्रभूमि का अंतरिक्ष आधारित प्रेक्षण” शीर्षक से एटलस के रूप में तैयार किया गया है। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें (पीडीएफ माप:471एमबी भाषा: अंग्रेजी) |
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सूखा एक जटिल प्राकृतिक घटना है जो कृषि को अत्यधिक प्रभावित करती है। सूखे का शीघ्र पता लगाने से हितधारकों को काउंटर उपाय करने और समय पर सलाह देने में मदद मिलती है। वेदास ने व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले मानक वर्षा सूचकांक (एसपीआई) और वनस्पति स्थिति सूचकांक (वीसीआई) प्रदान करके अपनी टोकरी में सूखा निगरानी कार्यक्षमता को जोड़ा है। वेदास राज्य के साथ-साथ तालुका स्तरों पर मासिक और 1 महीने का साप्ताहिक एसपीआई प्रदान कर रहा है। मासिक SPI की गणना CHIRPS वर्षा डेटा का उपयोग करके की जा रही है, जबकि 1 महीने के साप्ताहिक SPI की गणना 1981-2018 CHIRPS वर्षा डेटा के आधार पर NOAA और CHIRPS वर्षा डेटा का उपयोग करके की जा रही है। यह इसके वनस्पति स्थिति डैशबोर्ड पर उपलब्ध है। यह स्थानिक विश्लेषण (मानचित्र) के साथ-साथ डेटा विश्लेषण (पाई चार्ट और बार चार्ट) कार्यात्मकताओं के साथ भी सक्षम है। मानक वर्षा सूचकांक (एसपीआई) को देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
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वेदास पर सेंटिनल1-ए एवं बी सार डेटा को डाउनलोड, संसाधित और प्रदर्शित करने के लिए अब एक पूर्णतः स्वचालित प्रक्रिया स्थापित
की गई है। भूनिधि पोर्टल से सेंटिनल1_सार(आईडब्ल्यू)_जीआरडी डेटा स्वत: डाउनलोड किया जा सकता
है; स्नैप टूल का प्रयोग कर संसाधित किया जा सकता है और उपयोगकर्ताओं के लिए वेदास पर प्रकाशित
किया जा सकता है। उपयोगकर्ता अति द्रुत गति से वेब आधारित दृश्यीकरण तथा विश्लेषण कर सकता है।
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यह पुस्तक राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र (ईएसएसओ-एनसीपीओआर) द्वारा समन्वित अंटार्कटिका के अभियानों में भाग लेने के एक दशक (2009-2019) के लंबे अनुभव और पृथ्वी अवलोकन डेटा का उपयोग करके अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (सैक-इसरो) द्वारा अंटार्कटिका क्षेत्र में किए गए विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों की मुख्य विशेषताएं प्रस्तुत करती है। अध्ययन में इसरो द्वारा लॉन्च किए गए संवेदकों जैसे अल्टिका, स्कैटसैट-1, ओस्केट, एमएसएमआर, आरआईसैट, एडब्ल्यूआईएफएस, लिस-III, लिस-IV आदि का उपयोग करते हुए समुद्री बर्फ, बर्फ आच्छादन और हिम उपांत का विश्लेषण और तकनीक विकास शामिल है। फील्ड अध्ययन में भारती और मैत्री स्टेशनों पर किया गया मापन शामिल है। किताब पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें (पीडीएफ माप:35.1एमबी भाषा: अंग्रेजी) |
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अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें (पीडीएफ माप:418केबी भाषा: अंग्रेजी) |
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यास चक्रवात से आई अचानक बाढ़ ने तटीय क्षेत्रों के अनेकों निचले इलाकों को प्रभावित किया है और आर्द्रभूमि की आविलता में परिवर्तन लाया है। सतही जलप्लावन, वर्षा और पानी की गुणवत्ता सहित विभिन्न जल विज्ञान संबंधी पहलुओं पर चक्रवात के प्रभाव का आकलन करने के लिए अध्ययन किया गया। संश्लेषी द्वारक रडार सेंटिनल-1 और उन्नत सूक्ष्मतरंग स्कैनिंग विकिरणमापी (एएमएसआर-2) डेटासेट का उपयोग कर सतही जलप्लावन का आकलन किया गया। निकट के नदियों और झीलों की आविलता में परिवर्तन को समझने के लिए सेंटिनल-2 के प्रकाशीय डेटासेट का विश्लेषण किया गया। संचयी वर्षा द्वारा 23 मई 2021 से 28 मई 2021 की अवधि के दौरान उड़ीसा में तूफान के टकराने के स्थान पर वर्षा की उच्च मात्रा (> 300 मिमी) को दर्शाया गया। भद्रक, केंद्रपाड़ा सहित उड़ीसा के तटीय जिलों में भारी बाढ़ देखी गई। दीघा तट के पास, पूर् अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें (पीडीएफ माप:743केबी भाषा: अंग्रेजी) |
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बाढ़ भारत के विभिन्न क्षेत्रों में वेग प्रवाही वर्षा के कारण मानसून के महीनों के दौरान अनुभव की जाने वाली एक विध्वंसक प्राकृतिक आपदा है। इससे देश के न सिर्फ सामाजिक-आर्थिक जीवन पर बृहत् प्रभाव पड़ता है बल्कि जीवन और संपत्ति की भी बड़े स्तर पर क्षति होती है। पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें (पीडीएफ माप:667केबी भाषा: अंग्रेजी) |
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अंटार्कटिका में लार्सेन सी हिमखंड का रिफ्ट संचरण और हिम काल्विंग। आइस काल्विंग की घटना 10 से 12 जुलाई के बीच घटित हुई। एएमएचटीडीजी टीम इस घटना पर नजर बनाए हुई थी। हिम समाकलन ~50000 वर्ग कि.मी. में से 6200 वर्ग कि.मी. के क्रम में था। वर्तमान में इस घटना से समुद्र स्तर में वृद्धि नहीं होगी परंतु शेल्फ की अस्थिरता और हिम आवरण से बढ़े हुए हिम प्रवाह को मिलाकर पूरा दृश्य ही बदल जाएगा। प्रस्तुतीकरण डाउनलोड करें (पीडीएफ माप:475केबी भाषा: अंग्रेजी) रिपोर्ट डाउनलोड करें(पीडीएफ माप:3.35एमबी भाषा: अंग्रेजी)
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सौर कैलकुलेटर के लिए एंड्रॉइड ऐप दिए गए स्थान पर सौर उर्जा संभाव्यता को जानने के लिए अत्यंत ही उपयोगी है। यह अगले 72 घंटों के लिए पूर्वानुमान भी प्रदान करता है।
अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें (पीडीएफ माप:611.62केबी भाषा: अंग्रेजी) सौर कैलकुलेटर ऐप का उपयोग कैसे करें (पीडीएफ माप:708केबी भाषा: अंग्रेजी)
यह एनिमेटेड जीआईएफ केयू बैंड स्कैटसैट-1 प्रेक्षणों का उपयोग कर भारत में 19 जून से 26 जुलाई के दौरान बाढ़ की प्रगति और घटने के पैटर्न को दर्शाता है। |
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प्रकीर्णमापी अवलोकन आर्द्रता के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं जिसका मॉडल आर्द्रता सूचकांक और तत्पश्चात् नदी जल स्तर उतार-चढ़ाव का आकलन करने के लिए मॉडुलन बेसिन कैचमेंट पैमाने पर तैयार किया गया है।
पूर्ण पीडीएफ डाउनलोड करेंअक्रिय सूक्ष्मतरंग अवलोकनों का उपयोग कर पंजाब जल अधिनियम के कारण सिंचाई कार्यों के परिवर्तित पैटर्न का मॉनीटरन किया गया है।
पूर्ण पीडीएफ डाउनलोड करें05 दिसंबर, 2014 को एमसीसी से लिए गए त्रिवीम प्रतिबिंबों से घाटी के तुंगता व्युत्पन्न उपर्युक्त दो विपरीत दीवारों (कोप्रैट्स चैस्मा क्षेत्र के निकट वैलीज मैरीनेरीस की उत्तरी तथा दक्षिणी दीवारें) के प्रकार्य के रूप में मंगल के वातावरण की प्रकाशी गहराई।
पूर्ण पीडीएफ डाउनलोड करेंसतह के अल्बेडो को सतह द्वारा परावर्तित किए गए आपतित सौर विकिरण के अंश के रूप में परिभाषित किया गया है। मंगल की सतह और वायुमंडलीय परिसंचरण के अभिलक्षणन हेतु मंगल की सतह अल्बेडो के परिमाण और स्थानिक वितरण महत्वपूर्ण इनपुट हैं।
पूर्ण पीडीएफ डाउनलोड करेंमंगल के ऊत्तरी ध्रुव पर एक बृहत् आइस कैप है। ऑन-बोर्ड मॉम पर मंगल वर्ण कैमरा (एमसीसी) द्वारा मंगल ग्रह के ऊत्तरी ध्रुव के अनेक प्रतिबिंब लिए गए। 16 दिसंबर 2015 से 26 जनवरी 2016 के दौरान प्रेक्षित नौ एमसीसी प्रतिबिंबों का उपयोग कर स्थलाकृति के दृष्टिकोण से संशोधित एमसीसी परावर्तकता मोजेक तैयार किया गया।
पूर्ण पीडीएफ डाउनलोड करेंमंगल कक्षित्र मिशन-मंगल वर्ण कैमरा (एमओएम-एमसीसी) का उपयोग कर, मंगल ग्रह के उत्तरी ग्रीष्म के दौरान उत्तरी ध्रुव आइस कैप के पीछे हटने के लिए उत्तर ध्रुव आइस कैप के क्षेत्रफल की माप की गई।
पूर्ण पीडीएफ डाउनलोड करेंसरल-आल्टिका मार्च 2013 से 10 जलाशयों में जल स्तर के उतार-चढ़ाव का संसूचन कर रही है। उकाई जलाशय पर एक विस्तृत अध्ययन वर्ष 2016 में पूर्व वर्ष की तुलना में निम्नतम जल स्तरों को दर्शाता है।
पूर्ण पीडीएफ डाउनलोड करेंएमसीसी द्वारा वैलीज मैरिनेरिस के लिए अनेक उच्च तथा निम्न विभेदन प्रतिबिंब अर्जित किए गए हैं। अध्ययन क्षेत्र के लिए एमसीसी से लिए गए डेटासेटों को एमओएलए डेटा के उपयोग द्वारा भू-संशोधित किया गया। प्रकाशमितीय संशोधन के दौरान वैलीज मैरिनेरिस की सतह के कुल छह प्रतिबिंब संसाधित किए गए।
पूर्ण पीडीएफ डाउनलोड करेंअंतरिक्ष उपयोग केंद्र (इसरो)
डी पी एस स्कूल के सामने, बोपल
अहमदाबाद 380058, भारत
ईमेल: vedas[at]sac[dot]isro[dot]gov[dot]in